Thursday, July 20, 2017

Books to read for IFAs

Brijesh Dalmia recommends “Riding The Roller Coaster” as a book to be read by IFAs to help in the profession.

Click on the link here.

Thank you Brijesh.

Tuesday, May 23, 2017

Riding The Roller Coaster recommended by Brijesh Dalmia

A leading financial planner, a mutual fund trainer, a leadership trainer, and a leader himself Brijesh Dalmia recommends “Riding The Roller Coaster – Lessons from financial market cycles we repeatedly forget”. The book features in the list of suggested reading for IFAs.

Thank you Brijesh!

You can read the article here.

#RidingTheRollerCoaster

Friday, May 19, 2017

Extraordinary Popular Delusions and the Madness of Crowds

"जनता कितनी आसानी से गुमराह हो जाती है?" - Charles Mackay in his 1841 classic "Extraordinary Popular Delusions and the Madness of Crowds"

Tuesday, April 25, 2017

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Riding The Roller Coaster - purchase the Hindi edition

Monday, April 24, 2017

राइडिंग द रोलर कोस्टर - अब www.sapnaonline.com पर भी उपलब्ध है.

https://www.sapnaonline.com/books/riding-roller-coaster-amit-trivedi-9384061417-9789384061418राइडिंग द रोलर कोस्टर - अब www.sapnaonline.com पर भी उपलब्ध है.

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राइडिंग द रोलर कोस्टर - वे सबक जो बाजार हमें सिखाते हैं पर हम अक्सर भूल जाते हैं 

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यह पुस्तक अंग्रेजी और गुजराती में भी उपलब्ध है.

Monday, April 17, 2017

ऐसा होता है क्या?

साउथ से कंपनी के जॉन ब्लंट को "पब्लिक क्रेडिट को अभूतपूर्व ऊंचाई पर ले जाने के लिए उनकी असाधारण सेवाओं" के लिए बैरोनेट की उपाधि दी गयी. यह कुछ इसी तरह था जैसे हर्षद मेहता को जनता की बचत को पूँजी बाजार में में लाने के लिए 'पद्म पुरस्कार' दिया गया हो. (१९९२ में घरेलु बचत का २४ प्रतिशत हिस्सा शेयरों, म्यूच्यूअल फंडों, एवं डिबेंचरों में लगाया गया, जो उस समय  सर्वोच्च अनुपात था)

Friday, April 14, 2017

महान वैज्ञानिक सर आइजैक न्यूटन

सर आइजैक न्यूटन ने कहा था : "में आकाशीय पिंडों की गति की गणना कर सकता हूँ किन्तु लोगों के उन्माद का आकलन नहीं कर सकता."

शायद वह ये बात में अपने जोड़ना भूल गए थे.

महान वैज्ञानिक होना एक बात है. दुनिया के सबसे बुद्धिमान व्यक्ति होना एक बात है. किन्तु शेयर बाजार में पैसा काना कुछ और ही बात है.

Tuesday, April 11, 2017

सब दिमाग का खेल है

मन एव मनुष्याणां कारणं बंधमोक्षयोः
(अमृत बिंदु उपनिषद्: श्लोक २)

इस श्लोक के अनुसार मनुष्य के बंधन और मुक्ति का एक मात्र कारण उसका मन है.

विभिन्न घटनाओं प् चर्चा करते हुए हमने देखा की कई लोगों ने तार्किक सोच को महत्व न देकर अपनी भावनाओं के प्रवाह में निर्णय लिए.

 

कैसे समझायें?

सब-प्राइम संकट पर किसी ने टिप्पणी की: "भारत के किसी गाओं के स्कूल में पढ़ने वाली एक शिक्षिका का निवेश पोर्टफोलियो घाट कर आधा रह गया. अब उसे कैसे बताया जाए की सात समंदर पार किसी ने अपना हाउसिंग लोन नहीं चुकाया, उसकी वजह से उसके निवेश में ये गिरावट आयी है?"



Monday, April 10, 2017

तेजी और मंदी

जब बाजार में तेजी होती है तो हर कोई विशेषज्ञ बन जाता है और जब मंदी होती है तो हर व्यक्ति बुद्धिमान हो जाता है.

Tuesday, April 4, 2017

राम नवमी की शुभेच्छा

जब कभी भी कोई पूछता है की, "मार्केट ऊपर जाएगा या नीचे?" या फिर "मार्केट कहाँ तक जाएगा?" तोह हंसी आ जाती है. पता नहीं लोगों को क्यों लगता है की किसीको भविष्य के बारे में पता होगा.

आज राम नवमी के दिन यह याद कर लीजिये की भगवन राम को पता नहीं था की अगले दिन अपने राज्याभिषेक के बदले वनवास होगा.

जय श्री राम.

Friday, March 31, 2017

मूल्यांकन

जापानी बाजार के बूम के समय टोक्यो में इम्पीरियल पैलेस का अनुमानित बाजार मूल्य कैलिफ़ोर्निया के पूरे रियल एस्टेट से ज़्यादा था.





Thursday, March 30, 2017

किताब के विषय में कुछ शब्द

पाँच शताब्दियों और चार महाद्वीपों की घटनाएं; निवेश के नए माध्यम हो या इक्विटी से लेकर स्थिर आमदनी, डेरिवेटिव्स, रियल एस्टेट  ... सांस थाम कर रखिये  .... तुलिप बल्ब्स.

राइडिंग द रोलर कोस्टर - वे सबक जो बाजार हमें सिखाते हैं, लेकिन अक्सर हम भूल जाते हैं.

सीट-बेल्ट

वित्तीय बाजार की अगली रोलर कोस्टर राइड पर जाने से पहले "सीट-बेल्ट" में यह किताब आपके लिए उपयोगी साबित होगी. आप इस सदाबहार पुस्तक को बार-बार पढ़ना चाहेंगे ताकि वित्तीय बाज़ारों के भूले हुए सबक  फिर से याद आ जाएँ.

Tuesday, March 28, 2017

Extraordinary Popular Delusions and the Madness of Crowds

"जनता कितनी आसानी से गुमराह हो जाती है?" - चार्ल्स मैके 1841 में छपी अपनी किताब "Extraordinary Popular Delusions and the Madness of Crowds" में लिखते है.

Monday, March 27, 2017

यह दौर भी बीत जायेगा

राजा सोलोमन ने सपने में एक अंगूठी देखी और दुख के आवेग में अपने  सलाहकारों को उसे ढूंढ लाने के लिए कहा.

"जब मैं संतुष्टि का अनुभव करता हूँ तो मुझे दर लगता है की यह दिन  नहीं रहेंगे. और जब मैं संतुष्ट नहीं होता हूँ तो मुझे भय लगता है की मेरी तकलीफें सदा कायम रहेंगी. मुझे वह अंगूठी लाकर दो जिससे मेरा दुख दूर हो जाएगा." ऐसी मांग राजा ने रखी.

सोलोमन ने अपने सभी सलाहकारों को बाहर भेज दिया और फिर उनमे से एक सलाहकार जाकर एक बुज़ुर्ग सोनार से मिला जिसने एक सोने के कंगन पर उकेरा "यह दौर भी बीत जायेगा". जब राजा को अपनी अंगूठी मिली और उसने उस पर उकेरा गया वाक्य पढ़ा तो उसकी वेदना आनंद में परिवर्तित हो गई और आनंद दुख में, और उसके बाद वह समभाव में रहने लगा.

अब देखिये की ऐसा महान राजा भी खुद को संतुष्ट रखने में असमर्थ था. ख़ुशी होने पर वह दुख महसूस करता था. ख़ुशी होने पर वह दुख महसूस करता था, और जब दुखी होता था तो वह दुख महसूस नहीं करता था, क्योंकि वह आगे की राह देखने में असमर्थ था. इस कंगन ने उसके दुख को निष्क्रिय करने में भूमिका निभाई. लगातार कुछ न कुछ आस लगाए रखने के प्रयास में संतुष्ट रहने लगा. पहले वह सोचता था कि संतुष्टि केवल ऊपरी अनुभूति है जो उसकी विपुल संपत्ति से आयी थी, और जो अस्थायी थी, ऐसी स्थिति में उसकी संतुष्टि का भाव हमेशा के लिए नहीं रह सकता था. वास्तविक संतोष तो तभी मिल सकता है जब उसने अपनी संपत्ति के असली हेतु को पहचान.

स्रोत: अनजान




Saturday, March 25, 2017

आशा, भय और लालच

बेंजामिन ग्रैहम की बात याद कीजिये: "सामान्य स्टॉक्स अधिकतर दोनों दिशाओं में कीमतों में तर्कहीन और अत्याधिक परिवर्तन होते हैं जो की अधिकांश लोगों की स्वभावगत सट्टा-प्रवृत्ति का परिणाम होते हैं ... इससे आशा, भय और लालच को बल मिलता है.

जोखिम का एहसास

अच्छे दिनों में हमें जोखिम का एहसास नहीं होता और एहसास होने तक बहुत देर हो जाती है.

Tuesday, March 21, 2017

भविष्य

कोई भी भविष्य को नहीं पढ़ सकता

रातों-रात सफलता


रातों-रात सफलता हासिल करने के पीछे २० साल की मेहनत होती है

Sunday, March 19, 2017

डॉ. उमा शशिकान्त द्वारा लिखी गई प्रस्तावना के कुछ अंश


आप चाहे शौकिया निवेशक हो या वित्तीय बाजार के पुराने खिलाडी, आप इस किताब को दिलचस्प और उपयोगी पाएंगे. इस किताब को पढ़ने की सलाह देते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता है.

Saturday, March 18, 2017

किताब पढने के कुछ कारण



पांच शताब्दियों और चार महाद्वीपों की घटनाएं; निवेश के नए माध्यम हो या इक्विटी से लेकर स्थिर आमदनी, डेरिवेटिव्ज, रियल एस्टेट। .... सांस थाम कर रखिये। ... ट्यूलिप बल्ब!

इन घटनाओं के समय बाजार की कीमतों में खूब उठा-पटक होती है. ऐसी स्थिति से किस तरह ठीक से निपटा जा सकता था, इसको लेकर कई सिद्धांत दिए जाते हैं. लेकिन इसके बावजूद ऐसी घटनाएं बार-बार क्यों होती  है? क्या इनका पहले से अनुमान लगाना संभव है? क्या हम इनके लिए पहले से तयारी कर सकते हैं?

जब बाजार में सुनामी आती है तोह छोटे और बड़े, सभी निवेशकों को नुक्सान उठाना पड़ता है. सर्कार और नियामक हस्तक्षेप की कोशिश करते हैं लेकिन वे उपाय बहुत देर से आते हैं और नाकाफ़ी साबित होते हैं. सुनामी से नुकसान होने के बाद किसे उसके लिए दोषी ठहराया जाए, बड़े-बड़े देश भी यह तय नहीं कर पाते हैं.

ऐसी स्थिति में निवेशक क्या करें? वे इससे क्या सीख सकते हैं?

रोचक विवरण प्रस्तुति करती 'राइडिंग द रोलर कोस्टर' इस विषय पर कांकरी और विवेचना से परिपूर्ण है, इसके बावजूद बेहद सरल और रोचक शैली में लिखी गयी है. यह सामान्य निवेशकों से बात करती है, उन्हें कहानियां सुनाती है और अपनी रोचक शैली में सावचेत करती हुई ज़रूरी सलाह भी देती है.

वित्तीय बाजार की अगली रोलर-कोस्टर राइड पर जाने से पहले "सीट-बेल्ट" के रूप में यह किताब आपके लिए उपयोगी साबित होगी. आप इस सदाबहार पुस्तक को बार-बार पढ़ना चाहेंगे ताकि वित्तीय बाज़ारों के भूले हुए सबक फिर से याद आ जाएँ.

Thursday, March 16, 2017

भविष्य

कोई भी भविष्य को नहीं पढ़ सकता

उदघोषणा

 राइडिंग ध रोलर कोस्टर 

हिंदी में जल्द ही आ रही है