Saturday, March 18, 2017

किताब पढने के कुछ कारण



पांच शताब्दियों और चार महाद्वीपों की घटनाएं; निवेश के नए माध्यम हो या इक्विटी से लेकर स्थिर आमदनी, डेरिवेटिव्ज, रियल एस्टेट। .... सांस थाम कर रखिये। ... ट्यूलिप बल्ब!

इन घटनाओं के समय बाजार की कीमतों में खूब उठा-पटक होती है. ऐसी स्थिति से किस तरह ठीक से निपटा जा सकता था, इसको लेकर कई सिद्धांत दिए जाते हैं. लेकिन इसके बावजूद ऐसी घटनाएं बार-बार क्यों होती  है? क्या इनका पहले से अनुमान लगाना संभव है? क्या हम इनके लिए पहले से तयारी कर सकते हैं?

जब बाजार में सुनामी आती है तोह छोटे और बड़े, सभी निवेशकों को नुक्सान उठाना पड़ता है. सर्कार और नियामक हस्तक्षेप की कोशिश करते हैं लेकिन वे उपाय बहुत देर से आते हैं और नाकाफ़ी साबित होते हैं. सुनामी से नुकसान होने के बाद किसे उसके लिए दोषी ठहराया जाए, बड़े-बड़े देश भी यह तय नहीं कर पाते हैं.

ऐसी स्थिति में निवेशक क्या करें? वे इससे क्या सीख सकते हैं?

रोचक विवरण प्रस्तुति करती 'राइडिंग द रोलर कोस्टर' इस विषय पर कांकरी और विवेचना से परिपूर्ण है, इसके बावजूद बेहद सरल और रोचक शैली में लिखी गयी है. यह सामान्य निवेशकों से बात करती है, उन्हें कहानियां सुनाती है और अपनी रोचक शैली में सावचेत करती हुई ज़रूरी सलाह भी देती है.

वित्तीय बाजार की अगली रोलर-कोस्टर राइड पर जाने से पहले "सीट-बेल्ट" के रूप में यह किताब आपके लिए उपयोगी साबित होगी. आप इस सदाबहार पुस्तक को बार-बार पढ़ना चाहेंगे ताकि वित्तीय बाज़ारों के भूले हुए सबक फिर से याद आ जाएँ.

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