Tuesday, April 11, 2017

सब दिमाग का खेल है

मन एव मनुष्याणां कारणं बंधमोक्षयोः
(अमृत बिंदु उपनिषद्: श्लोक २)

इस श्लोक के अनुसार मनुष्य के बंधन और मुक्ति का एक मात्र कारण उसका मन है.

विभिन्न घटनाओं प् चर्चा करते हुए हमने देखा की कई लोगों ने तार्किक सोच को महत्व न देकर अपनी भावनाओं के प्रवाह में निर्णय लिए.

 

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